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ये ही वह अराजकतावादी जेहादी तत्व हैं जो घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्थर बाज़ी करवा रहें हैं

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जो गठबंधन कर -नाटक में अभी नाटक ही कर रहा है। राज्य को एक सरकार तक भी मुहैया नहीं करवा सका। उसी का विस्तारित संस्करण २०१९ में सत्ता प्राप्त करने की जुगाड़ भिड़ा रहा है। अभी तो एक राज्य ही शीर्षासन कर रहा है कल को ये पूरे देश को ही शीर्षासन करवा देंगे।

इन चरम अव्यवस्था -वादी तत्वों से देश को सावधान रहने की ज़रुरत है। जिनके पास मोदी विरोध के सिवाय कुछ नहीं है। जो कभी हिन्दू मुसलमान अलहदगी पैदा करके कभी जात विभाजन करके देश को तोड़ने का काम करते रहें हैं। पहले इन्होनें सिख फिर जैन और अब लिंगायत सम्प्रदाय को भी कर्नाटक में एक अलग धर्म का दर्ज़ा देने के नाम पर वोट मांगे। नाक कटवाकर अब दो नकटे एक तो दिख रहे हैं लेकिन सरकार का गठन और मंत्रिपद का आवंटन अभी तक भी नहीं कर सके हैं। 

ये ही वह अराजकतावादी जेहादी तत्व हैं जो घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्थर   बाज़ी करवा रहें हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आरआरएस के तत्वाधान में इफ्तियार पार्टी देने का विरोध कर रहें हैं। रोटी से ही रोटी का रिश्ता जुड़ता है दावत दिलों को मिलाती है संवाद का  पुल  बनाती  है।इस सेकुलर कुनबे के लिए इफ्तियार पार्टियां वोट पार्टी ही बन सकीं हैं। तुष्टिकरण से आगे ये सेकुलर -वीर नहीं निकल सकें हैं।इनकी इनकी सोच का दायरा इतना ही है।   

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