कांग्रेसी बौने आज सूचित कर रहें हैं के दादा (मान्य पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी )का कद दो इंच बढ़ गया है। ये अबुध कुमार ये समझने में असमर्थ हैं ,दादा ने भारत देश के मार्फ़त वर्तमान बचीखुची नेहरू पंथी कांग्रेस को भारत की जिस गौरवशाली विरासत की याद दिलाई है हेडगेवार उसके प्रतीक के तहत जहां एक महा - पुरुष हैं वहां नेहरू सिर्फ एक इतिहास पुरुष हैं भले वे महात्मा गांधी के सिरचढ़े लाडले थे लेकिन गांधी के वारिश नहीं रहें हैं। मीलों का फासला है नेहरुवियन और गांधी की सोच में ,वर्तमान कांग्रेस सिर्फ अवशेषी नेहरू कांग्रेस है।
यदि कांग्रेस में कोई हिन्दू है तो सिर्फ दादा हैं जो हिंदुत्व की सर्वसमावेशी परम्परा गत विरासत से वाकिफ रहें हैं।सब कुछ इशारों -इशारों में उन्होंने कह दिया हैं जिसे कांग्रेसी वामन समझने में असमर्थ हैं।यद्यपि अपने सम्भाषण में न उन्होंने कहीं अरविंद घोष का नाम लिया है और न दयानन्द सरस्वती और स्वामी विवेकानंद का।
यदि कांग्रेस में कोई हिन्दू है तो सिर्फ दादा हैं जो हिंदुत्व की सर्वसमावेशी परम्परा गत विरासत से वाकिफ रहें हैं।सब कुछ इशारों -इशारों में उन्होंने कह दिया हैं जिसे कांग्रेसी वामन समझने में असमर्थ हैं।यद्यपि अपने सम्भाषण में न उन्होंने कहीं अरविंद घोष का नाम लिया है और न दयानन्द सरस्वती और स्वामी विवेकानंद का।
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