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"Chemistry in Ancient India .......These medical chemists did succeed in producing many important alkalis ,acids and metallic salt".A.L.Basham ,Australian Indologist .(HINDI I )

"They (ancient Indians )knew how to prepare sulfuric acid ,nitric acid ,the oxide of copper ,iron , lead ,tin ,and zinc ,the sulphate of copper ,zinc and iron .and the carbonates of lead and iron "historian Elphinstone said in his book 'History of India '.

"Chemistry in Ancient India .......These medical chemists did succeed in producing many important alkalis ,acids and metallic salt".A.L.Basham ,Australian Indologist .

Acid (Amla ),Alkalis and Salts (Lavanas )are discussed in many Vedic texts .

अम्ल ,क्षार और अनेक लवणों का वेदों में ज़िक्र आया है। 

बेशक प्राचीन भारतीय मनीषियों , महर्षियों, रसायनशास्त्रियों को जानकारी थी गंधक के तेज़ाब और नाइट्रिक अम्ल को तैयार करने की विधि । वह यह भी जानते थे कैसे ताम्बा ,ज़िंक ,लोहा , सीसा (lead ) ,टिन जैसे धातुओं के ऑक्साइड बनाये जाते हैं। इनके  सल्फ़ेटों के निर्माण की प्रक्रिया भी उन्हें मालूम थी। 

इसके अलावा अनेक क्षार (alkalis ),अम्ल तथा धात्वीय लवण  बना लेने में भी  खासी कामयाबी मिली थी।अनेक वैदिक ग्रंथों में बारहा अम्ल ,क्षार और खनिज लवण की चर्चा आई है। 

आसवन द्वारा इत्र फुलैल (distillation of perfumes ),रंगों  (dyes ),अनेक रंग द्रव्य (रंजक )या रंगाई में काम आने वाले कई पदार्थ बनाने में वह सफल हुए थे। दर्पण पर पालिश करने में वे माहिर थे। ज़ाहिर है रसायन शास्त्र के क्षेत्र में वह खासे आगे थे। अग्रणी कहना जायज़ होगा। 

अजंता एलोरा की गुफाओं में उकेरे गए भित्ति चित्र आज भी अपनी रंगत और ताज़गी बनाये हुए हैं। विश्व विरासत में इनकी गणना होती है। ऐसे अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं। 

Pharmaceuticals 

यहां दवाओं और विभिन्न पादपों (औषधि देने वाली वनस्पतियों से )तैयार दवाओं की चर्चा करना प्रासंगिक है। अलावा इसके कई पशुओं ,मवेशियों (पालतू पशुओं )से भी दवाएं बना लेने में उन्हें सफलता हासिल थी। ऐसे में यह काम कई चरणों में संपन्न होता था। दवाओं के लिए कच्चा माल ,आवयविक अंश जुटाना ,इनका शोधन ,और इनमें से अर्क (सार तत्व )अलगाना अहम थे। 

Minerals 

सिंधु घाटी में आबाद  लोग अनेक खनिज पदार्थों का इस्तेमाल आम ज़रूरियात की चीज़ों के  बहुविध निर्माण  में करते थे। इनमें चिकित्सा क्षेत्र में काम आने वाले प्लास्टर से लेकर ,केश प्रक्षालक (hair washes )आते थे।

आधुनिक ग्लास का प्रारूप (Faience )हड़प्पा की सभ्यता संस्कृति का एक अंग बन चुका था। इससे साज -सज्जा सामिग्री ,जेवरात आदि खूब तैयार किये जाते थे। 

(ज़ारी )

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