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इस महिला ने किया ये असंभव कारनामा , गीता के श्लोकों को कपड़े पर बुना

संक्षिप्त विवरण 
  • हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्म ग्रंथ में भगवत गीता को मान्यता प्राप्त है, जिसमें  दुनियाभर का ज्ञान दिया हुआ है. कई लोग इससे ज्ञान लेने के लिए और जानकारी के लिए नियमित रूप से इसका पाठ करते हैं . इसके ज्ञान के ही कारण इस ग्रन्थ को आज विश्वधर्मग्रंथ का स्थान मिला है।
असम
असम। हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्म ग्रंथ में भगवत गीता को मान्यता प्राप्त है, जिसमें  दुनियाभर का ज्ञान दिया हुआ है. कई लोग इससे ज्ञान लेने के लिए और जानकारी के लिए नियमित रूप से इसका पाठ करते हैं . इसके ज्ञान के ही कारण इस ग्रन्थ को आज विश्व  धर्म ग्रंथ का स्थान मिला है। 


 श्रीमद्भगवद्गीता  के बारे में बात करें इसे लोग अलग-अलग तरीके से देखते हैं और इसके लिए ऐसी ही कुछ अलग धारणाएं भी बना के रखी हैं. जहाँ गीता पढ़ना कई लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल भी होता है  वहीँ एक महिला गीता को इंग्लिश और संस्कृत दोनों भाषा में कपड़े पर बून रही है.



जी हाँ, यकीन नहीं होगा आपको भी, इसलिए हम कुछ ऐसा ही बताने जा रहे हैं, ऐसी ही कुछ लिखावट है जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा. आज तक आपने गीता को पन्नों पर ही देखा होगा लेकिन ये महिला है जो कपडे पर उतार रही है। 


आपको बता दें  इस महिला का नाम है “हेमप्रभा” जो असम के डिब्रूगढ़ की रहने वाली हैं. ये पेशे से एक बुनकर हैं कपड़ों पर बुनाई का काम करती हैं. इन्होने गीता की 500 चौपाइयों को कपड़े पर संस्कृत भाषा में बुना है. इसके साथ ही इन्होंने गीता के अध्याय को भी अंग्रेजी भाषा में कपड़े पर बुना है.


ये जानकार आपको हैरानी होगी कि हेमप्रभा को ये काम करते  हुए  पूरा एक साल हो गया है. उन्होंने इस काम को पिछले साल दिसंबर में शुरू में किया था जो अभी भी चल रहा है. इसके पहले भी इन्होने “शंकरदेव गुणमाला ” के 6 पदों को 9 महीने लगातार बुनाई कर सिल्क के कपड़े पर बुना है। 

इस खास काम के बारे में हेमप्रभा ने बताया की ''मैंने पूरे 9 माह तक बुनाई करके शंकरदेव गुणमाला  के सभी पदों को कपड़े पर बुना था. मेरे इस काम की वजह से  पूरे राज्य में मेरी सराहना की गई थी अब मैं श्रीमद्भगवद्गीता  के ज्ञान को कपड़े पर बुन रही हूं.'' 

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