सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

World AIDS Day:World AIDS Day, designated on 1 December every year since 1988, is an international day dedicated to raising awareness of the AIDS pandemic









Wear a red ribbon on World AIDS DayWorld AIDS Day
2018 marks the landmark 30th anniversary of World AIDS Day.
First observed in 1988, World AIDS Day was initiated by health ministers from around the world who called for a spirit of social tolerance and a greater awareness of HIV/AIDS on an international scale.
When is World AIDS Day this year? Always observed on December 1. This year, World AIDS Day is on Saturday, December 1, 2018.
What is the 2018 World AIDS Day Theme? Every year, World AIDS Day focuses on a single theme.
This year, the theme for the 2017 World AIDS Day observance is "Know your status", promoting self-testing, community-based testing and multidisease testing which are all helping people to know their HIV status -- without the stigma that still deters people from taking an HIV test. 
World AIDS Day materials are designed to underscore the importance of awareness of the disease and its effects on family, friends, local neighborhoods and nations around the globe.
What Can I Do on World AIDS Day? World AIDS Day is not just about raising money, but also about increasing awareness and education.
Around the Web, get tips, advice and ideas on how you can aid in the fight against HIV AIDS in your neighborhoodworkplace, or school classroom
Also check out a list of Web sites where you may find downloadable World AIDS Day posters, brochures and factsheets.

World AIDS Day In Your Neighborhood
• Wear a red ribbon as a symbol of hope to work, school or clubs - or distribute red ribbons at community gatherings.
• Organize a candlelight vigil at a community center or at a public park and invite local performers and speakers.
• Decorate a World AIDS Day tree or bulletin board to display in a local library or courthouse in memory of those who have died of AIDS.
• Write a letter or editorial to your local newspaper urging news coverage of World AIDS Day. 
• Set up a table or booth at an existing community event to display HIV/AIDS exhibits, posters, flyers, or brochures.
• Send an World AIDS Day e-card to friends and family urging their support for AIDS awareness.

World AIDS Day At Work
• Ask your employer to help establish December 1 as a day to address the issue of HIV/AIDS in your workplace
• Educate employees about the prevention of HIV/AIDS: display posters, flyers, brochures, invite guest speakers, provide information through employee newsletters, E-mail messages and Web pages.
• Have your company sponsor community events by donating products to local HIV/AIDS programs, organize an AIDS fundraising events (run, walk, bike) or set up a display in the office lobby.
• Distribute World AIDS Day ribbons, posters, flyers or brochures in company mailboxes, cafeterias or break rooms.
• Retail businesses: place a World AIDS Day poster in your window, at checkout counters or community bulletin board.
For more information, point your browser to HIV in the Workplace

world aids dayWorld AIDS Day In the Classroom
• Set aside class time for a special lesson or speaker on HIV/AIDS.
• Create a website, brochure or video for teaching parents the facts about HIV/AIDS.
• Invite a person living with AIDS or health care worker to come and talk to students about HIV/AIDS discrimination.
• Sponsor a poster, T-shirt, exhibit, or bumper sticker design contest for the this year's theme
• Create a special HIV/AIDS writing assignment for December 1 : essay, poem, book report, brochure, poster or research report.
• Distribute red ribbons and information about HIV/AIDS at an exhibit set up in the school.
• Decorate trees, school buildings, classrooms, lamp posts, or fences with red ribbons.
• Prepare a current events bulletin board for students to fill with newspaper articles about HIV/AIDS.

World AIDS Day

World AIDS Day, designated on 1 December every year since 1988, is an international day dedicated to raising awareness of the AIDS pandemic caused by the spread of HIV infection and mourning those who have died of the disease.
http://www.chiff.com/a/world-aids-day.htm


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शख्सियत :रश्मि ताई

शख्सियत :रश्मि ताई जो कभी सहपाठी थे अब हमसफ़र हैं 'हमराही' हैं। जी हाँ आप ठीक समझे हैं। हम बात कर रहें हैं 'वाहिनी साहब' रश्मि ताई ,अब रश्मि ठाकरे की। हर कामयाब मर्द के पीछे एक औरत होती है यह विश्वास तब और भी घना -गाढ़ा हो जाता है जब  सौम्यता  और शालीनता की नायाब मिसाल रश्मि ताई से मुखातिब होते हैं। एक आम मध्य वर्गीय परिवार से आईं हैं आप। आपके व्यक्तित्व पे मातुश्री (रश्मि ताई की  माता श्री मती मीणा ताई  )की गहरी छाप है। आप रंगभूमि में ही रहती हैं मेकअप मैन  की तरह. आपने उद्धव जी को सजाया संवारा है। पहले जे. जे. स्कूल आफ आर्ट्स में सहपाठी और अब जीवन संगनी बनकर उनकी अनाम राजनीतिक गुरु और सलाकार रहीं हैं आप। आगे भी ये सफर यूं ही नए क्षितिज नापेगा। आप ने ही हिन्दू हृदय सम्राट बाला केशव  प्रबोधनकर ठाकरे से उनका राजनीतिक वारिस उद्धव जी को बनाये जाने का वचन उनके जीते जी ले लिया था। आप एक अन्नपूर्णा साबित हुई हैं मातोश्री के लिए जो बाला साहब के बीमार होने पर उनकी कुशल पूछने आते सभी आम अउ ख़ास सैनिकों को  अल्पाहार क्या चाव से भरपेट भोजन आ...

किदार शर्मा की यह अनुपम कृति जोगन (१९५०)आज भी उतनी ही सात्विक आंच लिए हुए है गीत -संगीत -पार्श्व- संगीत की ,अभिनय के शीर्ष की। गीतादत्त ,तलत मेहमूद साहब और शमशाद बेगम का स्वर बुलो सी रानी का संगीत अपनी ही परवाज़ लिए हुए था

लड़कियां कितने सपने देखतीं हैं ?हाँ !बेहद के !अपने ही  तैं नहीं अपनी गुड़ियाँ के लिए भी उनके मन में एक विलक्षण  राजकुमार की कामना होती है। चाव से ब्याह रचातीं हैं  अपनी गुड़िया का कोई समझौता नहीं कोई खुरसट उनकी राजकुमारी सी गुड़िया को यूं ब्याह कर ले जाए। और वह बस निर्मूक देखती रहें।  यहां तो साक्षात लंगूर ही था -बूढ़ा खुरसट जिसके साथ सुरभि का सौदा हो रहा था और कोई और नहीं स्वयं उसका सगा भाई बड़े जागीरदार का बेटा ही कर रहा था ये लेनदेन । अपनी शराब की लत और ऐयाशी की खातिर। क़र्ज़ में आकंठ डूबे जागीरदार अपनी लाड़ली बेटी की कोई मदद नहीं कर पा रहे थे। इन्हीं हालातों में सुरभि - वो जिसका मन बादलों के रंग मौसम की रंगीनी देखता था सावन के गीत लिखता था श्रृंगार को संवारता था हर दिन एक नै कविता लिखता था वह स्वयं बिरहा गीत बनने से पहले बैरागिन ही बन गई। जोगिन बन  गई।यह योग और साधना  का मार्ग था। पीछे मुड़कर देखने का वक्त नहीं था।  मीराबाई हो गई सुरभि ज़माने के लिए। अपना नाम -रूप  खोके। प्रारब्ध भी अजीब खेल दिखाता है। अनाथ और नास्तिक विजय भी यहीं इस गाँव में चला आया है ...

पीएम मोदी ने कहाः मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सकें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले से देश को संबोधित किया. मोदी ने कहा कि भारत अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ सकारात्मकता और आत्मविश्वास के बीच 72वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है. मोदी ने 2019 के चुनाव से पहले अपने आखिरी स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा, "भारत ने अपना नाम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दर्ज कराया है. इसने सकारात्मक माहौल बनाया है. हम इस तरह के सकारात्मक माहौल में आजादी का पर्व मना रहे हैं." उन्होंने कहा, "देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है और नियमित रूप से नई ऊंचाइयां छू रहा है." लाल किले से पीएम मोदी ने किया देश को संबोधित (फोटोः Quint Hindi) पीएम मोदी ने कहाः मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सकें 11:...