कैसे बचे जेट लेग से ?कैसे मिले निजात हवाई थकान से ?
आप सवेरा (सुबह ) होने पर खुद -बा- खुद जाग जाते हैं।इसके लिए कतई जरूरी नहीं है के मुर्गा बोले। आप अलार्म लगाके सोवें। पुराने बुजुर्ग इस कला में माहिर थे तब न शिफ्टें होती ही थीं (काम की पालियाँ )होतीं थीं ,न मोबाइल और अलार्म। उनकी जन्मजात इनबिल्ट घड़ी (जैविक घड़ी ,सरकादिअन - रिदम(Circadian Rhythm ) बिस्तर से उठा देती थी। तमाम वन्य जीव इसी घड़ी से अपना काम चलाते हैं पता होता है इन्हें के 'शिकार '(Prey )/या फिर शिकारी(Predator)कब अपने घरोंदे से निकलेगा ? किधर निकलेगा। आज यही काम टाइम- शिफटर कर रहा है। यह इस बात के लिए आपको आश्वस्त करता है भले आप नै -दिल्ली हवाई अड्डे से अमरीका के डिट्रायट के लिए विमान में चढ़े और अपनी मंज़िल तक पहुँचते -पहुँचते आपको कई टाइम जोन्स से गुज़रना पड़ेगा आप तरोताज़ा पहुंचेंगे।
यह डिवाइस (युक्ति )इस बात को भांप लेगी के इस समय जहां -जहां से आप गुज़र रहें हैं वहां रात है या दिन ,संध्या है या प्रात : काल उसी के अनरूप आपके गिर्द तेज़ प्रकाश (Bright Light )या फिर गरम ना -मालूम सी मद्धिम रोशनियां(soft light ) फ़ैल जाएंगी। बस यही काम करता है 'टाइमशिफ्टर' जो आपको एक से दूसरी टाइम ज़ोन में ले आता है और आपकी सरकादिअन रिदम ठीक ठाक काम करती रहती है।
You will fly standing on your head unleashed by different time zones with the aid of this Timeshifter which now shall be incorporated on board your flight ,Hotels ,Airlounges and all that .
इस नए विज्ञान को नाम दिया गया है सरकादिन- साइंस (Circadian Science).अमरीकी अंतरिक्ष संस्था 'नासा 'इस विज्ञान का इस्तेमाल अंतरिक्ष यात्रियों को यात्राके लिए तैयार करने में करती है।
जैविक घड़ी की लम्बी हवाई यात्रा के दरमियान पैदा गड़बड़ी को 'जेट लेग' या हवाई थकान कह सकते हैं। आपकी जैविक घड़ी सर्दी गर्मी बरसात पतझड़ शिशिर शरद के अनुरूप प्रतिदिन कम या थोड़ा सा ज्यादा आगे पीछे खुद से हो जाती है लेकिन हमारा विमान जिस गति से तेज़ी के साथ गन्तव्य की ओर बढ़ता जाता है उस तेज़ी से पैदा दिमागी बदलाव के साथ हमारा मस्तिष्क तालमेल नहीं बिठा पाता। बस जैव घड़ी की लय बिगड़ जाती है।आप जितनी अधिक टाइम जोन्स तय करते हैं यह रिद्म उतना ही और ज्यादा बिगड़ता जाता है।
गंतव्य तक पहुँचने पर आप कई दिनों तक वहां के स्थानीय समय के अनुरूप न सो पाते हैं न उठ पाते हैं। बे -वक़्ती का सोना चलता है कई दिन।
आप सवेरा (सुबह ) होने पर खुद -बा- खुद जाग जाते हैं।इसके लिए कतई जरूरी नहीं है के मुर्गा बोले। आप अलार्म लगाके सोवें। पुराने बुजुर्ग इस कला में माहिर थे तब न शिफ्टें होती ही थीं (काम की पालियाँ )होतीं थीं ,न मोबाइल और अलार्म। उनकी जन्मजात इनबिल्ट घड़ी (जैविक घड़ी ,सरकादिअन - रिदम(Circadian Rhythm ) बिस्तर से उठा देती थी। तमाम वन्य जीव इसी घड़ी से अपना काम चलाते हैं पता होता है इन्हें के 'शिकार '(Prey )/या फिर शिकारी(Predator)कब अपने घरोंदे से निकलेगा ? किधर निकलेगा। आज यही काम टाइम- शिफटर कर रहा है। यह इस बात के लिए आपको आश्वस्त करता है भले आप नै -दिल्ली हवाई अड्डे से अमरीका के डिट्रायट के लिए विमान में चढ़े और अपनी मंज़िल तक पहुँचते -पहुँचते आपको कई टाइम जोन्स से गुज़रना पड़ेगा आप तरोताज़ा पहुंचेंगे।
यह डिवाइस (युक्ति )इस बात को भांप लेगी के इस समय जहां -जहां से आप गुज़र रहें हैं वहां रात है या दिन ,संध्या है या प्रात : काल उसी के अनरूप आपके गिर्द तेज़ प्रकाश (Bright Light )या फिर गरम ना -मालूम सी मद्धिम रोशनियां(soft light ) फ़ैल जाएंगी। बस यही काम करता है 'टाइमशिफ्टर' जो आपको एक से दूसरी टाइम ज़ोन में ले आता है और आपकी सरकादिअन रिदम ठीक ठाक काम करती रहती है।
You will fly standing on your head unleashed by different time zones with the aid of this Timeshifter which now shall be incorporated on board your flight ,Hotels ,Airlounges and all that .
इस नए विज्ञान को नाम दिया गया है सरकादिन- साइंस (Circadian Science).अमरीकी अंतरिक्ष संस्था 'नासा 'इस विज्ञान का इस्तेमाल अंतरिक्ष यात्रियों को यात्राके लिए तैयार करने में करती है।
जैविक घड़ी की लम्बी हवाई यात्रा के दरमियान पैदा गड़बड़ी को 'जेट लेग' या हवाई थकान कह सकते हैं। आपकी जैविक घड़ी सर्दी गर्मी बरसात पतझड़ शिशिर शरद के अनुरूप प्रतिदिन कम या थोड़ा सा ज्यादा आगे पीछे खुद से हो जाती है लेकिन हमारा विमान जिस गति से तेज़ी के साथ गन्तव्य की ओर बढ़ता जाता है उस तेज़ी से पैदा दिमागी बदलाव के साथ हमारा मस्तिष्क तालमेल नहीं बिठा पाता। बस जैव घड़ी की लय बिगड़ जाती है।आप जितनी अधिक टाइम जोन्स तय करते हैं यह रिद्म उतना ही और ज्यादा बिगड़ता जाता है।
गंतव्य तक पहुँचने पर आप कई दिनों तक वहां के स्थानीय समय के अनुरूप न सो पाते हैं न उठ पाते हैं। बे -वक़्ती का सोना चलता है कई दिन।
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