राजयोग से प्राप्त अष्ट शक्तियां -ब्रह्माकुमारी उषा बहन
(१ )सहनशक्ति
(२ )समाने की शक्ति
(३ )परखने की शक्ति
(४ )निर्णय लेने की शक्ति -
आपदा को अवसर में बदलना ,चुनौती के वक्त सही निर्णय लेने की क्षमता
(५ )सामना करने की शक्ति
-व्यक्ति को सहन करो उसका सामना मत करो ,सामना करो हालात का विषम परिस्तिथि का। रिश्तों में माधुर्य बना रहे सहन करने से हम छोटे नहीं हो जाएंगे ,रिश्ते हमारे सम्भल जाएंगे।
(६ )सहयोग की शक्ति
-अकेला चना क्या भाड़ झौंकेगा। सहयोग लेना और देना मानवीय गुण हैं। न लेना ना देना आसुरी लक्षण है।
(७ )विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति
-कछुवे की तरह। जब कर्म करना तो इन्द्रियों को विस्तार में लाएं।कर्म संपन्न हो जाए तो इन्द्रियों को समेत लें।
(८ )समेटने की शक्ति
-जीवन एक मुसाफिर खाना है। कर्म का बिस्तर बाँध लें कोई और हाथ लगाने वाला नहीं है। जीवन में सद्गुणों का अपने कर्म का अहंकार न लाएं ,पुण्य करके अहंकारी न बने । समेटने की शक्ति को याद रखना हैं। फ़िज़ूल की बातों में अटकना नहीं है. उलझो नहीं सुलझो !
सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.youtube.com/watch?v=3b4xl3i7FeQ
Day 4 - आठ (सर्व) शक्तियों को प्राप्ति - उषा बहन - ब्रह्माकुमारीज - राजयोग मेडिटेशन
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