मोदी को विपक्षी मुख्यमंत्रियों की भी सुननी चाहिए -(पंजाब केसरी २८ मई ,में हरी जय सिंह )-एक प्रतिक्रिया
मोदी को विपक्षी मुख्यमंत्रियों की भी सुननी चाहिए -(पंजाब केसरी २८ मई ,में हरी जय सिंह )-एक प्रतिक्रिया
इन परिदों की टर्र टर्र ,पैं ,पैं ,चीं चीं ,चैं चैं सारा ज़माना सुन रहा है। हमारा मानना है न तो नरेंद्र दामोदर मोदी को उम्र से ताल्लुक रखने वाला श्रवण ह्रास है न आँख में हरी जै सिंह की तरह रतौंधी है ,इसे कहते हैं आग्रह मूलक लेखन पहले निष्कर्ष निकाल लो फिर तर्क ढूंढों। तर्क जो ढूंढें से न मिलें।
हरी जय सिंह ने अपने इस अग्र लेख में यही किया है। वह अपने द्वारा दिए गए शीर्षक की प्रतिस्थापना प्रतिष्ठापन में कुछ भी नहीं कह सकें हैं सिर्फ भंडास निकाली है -
एक अंश देखिये :डी.एम्स के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानम्नत्री ने रूप बदलने वाले रोगाणु से लड़ने के लिए मजबूत आंकड़ों तथा समीक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया है ......
इस उद्देश्य के लिए प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा अपनाया गया तानाशाही पूर्ण मार्ग गलत है।
रतौंधी ग्रस्त बंद दिमाग में यह नहीं घुसता के ममताबड़ी की ममता बनर्जी ने जिला मजीस्ट्रेट के मुंह पे सिटकनी लगा दी।
आउल गांधी की टैं टैं इन्हें सुनाई नहीं देती। आँख के अंधे नाम नैन सुख। ये गोदी पतरकारिता ही करेंगे। मुबारक इन्हें इनकी पत्रकारिता हाथ की सफाई।
सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.punjabkesari.in/blogs/news/modi-should-also-listen-to-opposition-chief-ministers-1390557
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