कल यहां कोरोना था ,वो क्या हुआ ? जबकि वहां अब न मास्क दिखलाई देते हैं न सैनीटाईज़र रगड़ते हाथ.दिखलाई देती है मौज़ मस्ती मनाती संगीत पे थिरकती युवा भीड़। चीनी दीवार पर उमड़ता सैलानियों का सैलाब ?
क्या आप मानते हैं कि कोविड महामारी को पैदा करने वाला वायरस चीन के वुहान लैब में बनाया गया ?
mudda@jagran.com
मुमकिन है। यहां कुछ भी हो सकता है।
हमारा मानना है जिस देश की व्यवस्था के कपाट बाहरी दुनिया के लिए बंद हो जिसने गरीब देशों को बेशुमार कर्ज़ से लादकर उनके संशाधनों के साथ मनमानी छेड़छाड़ के रास्ते अपने तैं खोल लिए हों ,जहां तहाँ वह अपने सैनिक अड्डे बना रहा हो वहां एक वायरस लेब में क्यों नहीं बन सकता। जबकि वहां वुहान को इसी काम के लिए जाना जाता है।
अलावा इसके क्वांटम कम्प्यूटिंग ,जैविक कम्प्यूटर ,जैविक -अस्त्रों की अवधारणा के इस दौर में क्या नहीं हो सकता। पूर्व में रणनीतिक आयुद्धों के रूप में न्यूट्रॉन बम खासी चर्चा में रह चुका है। चर्चा यह भी है तीसरा विश्वयुद्ध वायरस युद्ध ही होगा।अदृश्य जैव अस्त्रों से - जिसमें प्रयुक्त आयुद्ध अगोचर होंगें डार्क एनर्जी की तरह अबूझ ,लड़ा जाएगा।
इसी क्रम में सार्स -कोव -२ का विस्तारवादी चीन की वुहान लैब में गढ़ा हुआ होना कोई अनहोनी घटना नहीं कहा जाएगा।लैब से किसी दुर्घटना वश रिसाव के ज़रिये सिंक में चुपके से पहुंचा या किसी विस्फोट के ज़रिये ये बाहर आया यह भी मुमकिन नहीं है।
जबकि वहां अब न मास्क दिखलाई देते हैं न सैनीटाईज़र रगड़ते हाथ.दिखलाई देती है मौज़ मस्ती मनाती संगीत पे थिरकती युवा भीड़। चीनी दीवार पर उमड़ता सैलानियों का सैलाब ?
कल यहां कोरोना था ,वो क्या हुआ ?
वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा ),#८७० /३१ ,भूतल ,निकट फरीदाबाद मॉडल स्कूल ,
फरीदाबाद -१२१ ००३
८५ ८८ ९८ ७१५०
veerubhai1947@gamil.com
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें