एक गाँव जो चालीस सालों से लोक डाउन में है -सुविधाओं से महरूम न बिजली -पानी न सड़क अस्पताल न स्कूल
यह है ग्राम: गंगानगर आलमगीर
पोस्ट ऑफिस :ब्रजघाट
तहसील :गढ़ मुक्तेश्वर
जिला :हापुड़ (पश्चिम उत्तरप्रदेश )
राजधानी दिल्ली से दूरी :८७ किलोमीटर
रहवासी :१२० परिवारों के कोई हज़ार लोग
चालीस साल पहले वर्तमान उत्तराखंड (पूर्व में उत्तर प्रदेश )से आये थे ये लोग यहां। चकबंदी के आधार पर सरकार ने इन्हें १५ -१५ एकड़ ज़मीन ज़रूर दी उसके बाद ठनठनपाल मदन गोपाल। भूमिहीन थे ये दरिद्रनारायण। गरीबी लाचारी कल भी थी आज भी है। वर्ष दो हज़ार में बना था उत्तरप्रदेश को दो भागों में बांटने के बाद एक अलग राज्य उत्तराखंड। वहीँ के रूद्र पुर से ये लोग यहां आये थे। यहां गत २२ बरसों से कोई चुनाव नहीं हुआ। १९९९ में हुए पंचायत चुनाव गंगानगर वालों ने वोट डाले थें। इसके बाद से इन्हें कोई भी कहीं भी वोट डालने का हक़ नहीं मिला है।
ये लोग कहते हैं पहले हमें बंगाली बतलाकर अधिकारों से वंचित किया गया अब ज़मीन से भी वंचित करने की तैयारी बतलाई जाती है जबकि हमारे पास कागज़ है सब है सुनने वाला कोई नहीं। लगता है इस गाँव को राइट ऑफ़ कर दिया गया है।
विशेष :टुकड़ा टुकड़ा गैंग समर्थित सीएए जैसी न हठधर्मिता है इन लोगों के पास न टि-कैतिया हेंकड़ी न कल्लो बनर्जी जैसी गुंडई प्रार्थना में झुक गए हैं इनके हाथ झुके रहते हैं इस टापू के एकल मंदिर के देवता के समक्ष। कोई है जो इनकी सुने ,क्या भगवान् इनकी फ़रियाद सुनेगा। योगी जी आदित्यनाथ इनके लिए समुचित आदेश पारित करवायेंगे?है कोई माई का लाल जो इनकी मदद को आगे आये ?
https://www.youtube.com/watch?v=HDUOnGXvhZk
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