नई दिल्ली: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Ex PM Jawahar Lal Nehru) के साल 1947 के एक बयान को देश की वर्तमान हालत से जोड़ने वाले बयान पर विवाद जारी है. सियासी बयानबाजी के इसी सिलसिले में अब कांग्रेस नेता पीएल पुनिया (P L Punia) ने पलटवार किया है. मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पुनिया ने कहा, 'जिन्हें पंडित नेहरू के काम के बारे में पता ही ना हो ऐसे लोगों की बात का जवाब देने की जरूरत नहीं है.'
जागरूक करेगी कांग्रेस
पुनिया ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने डेढ़ सौ साल पुरानी अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंका था. ऐसे में ये सब चीजें कोई मायने नहीं रखतीं. कांग्रेस ने हमेशा जागरूकता फैलाई है. इसलिए अब नई पीढ़ी को आजादी की लड़ाई की जानकारी देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इसी दौरान देश के विकास में कांग्रेस के योगदान और वर्तमान केंद्र सरकार की विफलता की कहानी को महाराष्ट्र के युवाओं को बताने का सिलसिला पूरे साल जारी रहेगा.
पुनिया ने बीजेपी नेताओं के बयानों को भ्रामक बताते हुए कहा कि जनता ऐसी बयानबाजी से भ्रमित नहीं होगी. अपने संबोधन में पुनिया ने राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो संवैधानिक पद पर हैं इसलिए उन्हें ऐसे वक्तव्य शोभा नहीं देते. नेहरू ने देश के लिए बहुत काम किया लेकिन बीजेपी को इससे तकलीफ है लिहाजा वो नेहरू जी को बार बार याद करते हैं.
क्या बोले थे विश्वास सारंग
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग देश में बढ़ती महंगाई और कीमतों पर कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए सारंग ने आरोप लगाया, देश की आजादी के बाद अर्थव्यवस्था को पंगु बना कर महंगाई बढ़ाने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह नेहरू परिवार है. क्योंकि महंगाई एक-दो दिन में नहीं बढ़ती.
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले से तत्कालीन पीएम नेहरू के दिए गए भाषण की ‘गलतियों’ से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई. अर्थव्यवस्था की नींव एक-दो दिन में नहीं रखी जाती है. उनके भाषण की गलतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई.
हमारी टिपण्णी :
भारत को मिलने वाली आज़ादी एक निरंतर संघर्ष का परिणाम थी जिसकी पहली परिणति अठारह सौ सतावन एक सफर नामा था पुनिया साहब कांग्रेस को तब कौन जानता जिसकी स्थापना एओ ह्यूम ने अंग्रेज़ों के राज की निरंतरता को बनाये रखने के लिए की थी।
वीर दामोदर सावरकर ने इसे पहले स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा ही नहीं दी आज़ादी की चाहत की इस आंच को जलाये रखा नेताजी सुभाष के साथ उनका संवाद बेहद सार्थक सिद्ध हुआ था। आज़ाद हिन्द फौज की स्थापना हुई। वह भी विदेशी धरती पर अंग्रेज़ों को यह इल्म हो चुका था आज़ाद हिन्द फौज के दीवाने तुम्हारे पर नौंच डालेंगे इसी लिए फिरंगी बा -इज़्ज़त भागे ज़रूर लेकिन भारत के टुकड़े करवाकर। नेहरू और जिन्ना इसके साक्षी बने। बहुत खामख्याली थी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को और आज भी नेहरुवी उच्छिष्ट कांग्रेस को कि देश को आज़ादी नेहरू -गांधी ने दिलवाई।
शहीदों की कुर्बानी का सेहरा उनके सिर ज़रूर बंधा। विकृत इतिहास से निसृत दवाब खुद ब खुद इसका पुनर्लेखन करवा लेंगे।
Allan Octavian Hume, CB ICS (4 June 1829 – 31 July 1912) was a British member of the Imperial Civil Service (later the Indian Civil Service), a political reformer, ornithologist and botanist who worked in British India. He was the founder of the Indian National Congress.
सन्दर्भ -सामिग्री :https://zeenews.india.com/hindi/india/ex-pm-jawaharlal-nehru-on-headlines-as-mp-minister-vishwas-sarang-blamed-him-for-economy-punia-gives-reply/955055
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