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सोशल मीडिया पर खालिस्तान पाकिस्तान ज़िंदाबाद करवाने वाले छद्म विडिओ कौन इम्प्लांट करवा रहा है

सोशल मीडिया पर खालिस्तान पाकिस्तान ज़िंदाबाद करवाने वाले छद्म विडिओ कौन इम्प्लांट करवा रहा है इसे बूझने के लिए विशेष कोशिश नहीं करनी पड़ेगी। ये वही लोग हैं जो कहते तो अपने को नबी का गुलाम हैं लेकिन गुलामी इटली वाली बीबी की करते हैं वह जिसे न सिख गुरुओं की परम्परा का बोध है न सर्वसमावेशी  सनातन धर्मी धारा का।  उसी की लिखी पटकथा का मंचन करते रहते हैं सैफुद्दीन सोज़ और नबी गुलाम आज़ाद और फिर यकायक शीत निद्रा में चले जाते हैं।  बानगी देखिये  व्हाटऐप्स पर प्रत्यारोप किये एक विडिओ की :" एक छद्म सरदार  के आगे दो माइक्रोफोन हैं जिन पर वह इनकोहिरेंट स्पीच परस्पर असंबद्ध बातें एक ही साथ बोल रहा है। खालिस्तान, १९८४ के दंगे ,मुसलमान दुनिया भर में इतने हैं के वे पेशाब कर दें तो तमाम हिन्दू उसमें डुब जाएँ "   कहना वह ये चाहता है खलिस्तानी उस पेशाब में तैर के निकल जायेंगें।  ज़ाहिर है ये सरदार नकली था। इटली वाली बीबी का एक किरदार था। असली होता तो गुरुगोविंद सिंह की परम्परा से वाकिफ होता जिन्होंने औरग़ज़ेब के पूछने पर कहा था -हिन्दू है मज़हब हमारा। असली सरदार होता तो गुरु अर्जन देव की कुर्बानी

रंगी को ना -रंगी कहे ,बने दूध को खोया , चलती को गाड़ी कहे ,ये देख कबीरा रोया।

रंगी को ना -रंगी कहे ,बने दूध को खोया , चलती को गाड़ी कहे ,ये देख कबीरा रोया।  नारंगी (Tangrin )एक रंगीन फल है नारंगी (Orange )कलर का ,दूध से बनाये गए उत्पाद मावे को 'खोया 'भी कहा जाता है। गाड़ी -गाडी गाढ़ी हुई-'चलती का नाम  गाड़ी ' We park in the drive way and we drive on the Park Way . भाषा की उलटवाँसियाँ कबीर का  वैशिष्ठ्य है ,खूबी या खसूसियत है।  जयश्रीकृष्ण !

कांग्रेसी बौने

कांग्रेसी बौने आज सूचित कर रहें हैं के दादा (मान्य पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी )का कद दो इंच बढ़ गया है। ये अबुध कुमार ये समझने में असमर्थ हैं ,दादा ने भारत देश के मार्फ़त वर्तमान बचीखुची नेहरू पंथी कांग्रेस को  भारत की जिस गौरवशाली विरासत की याद दिलाई है हेडगेवार उसके प्रतीक के तहत जहां एक महा - पुरुष हैं वहां नेहरू सिर्फ एक इतिहास पुरुष हैं भले वे महात्मा गांधी के सिरचढ़े लाडले थे लेकिन गांधी के वारिश नहीं रहें हैं। मीलों का फासला है नेहरुवियन और गांधी की सोच में ,वर्तमान कांग्रेस सिर्फ अवशेषी नेहरू कांग्रेस है।  यदि कांग्रेस में कोई हिन्दू है तो सिर्फ दादा हैं जो हिंदुत्व की सर्वसमावेशी परम्परा गत विरासत से वाकिफ रहें हैं।सब कुछ इशारों -इशारों में उन्होंने कह दिया हैं जिसे कांग्रेसी वामन समझने में असमर्थ हैं।यद्यपि अपने सम्भाषण में न उन्होंने कहीं अरविंद घोष का नाम लिया है और न दयानन्द सरस्वती और स्वामी विवेकानंद का।    

ये ही वह अराजकतावादी जेहादी तत्व हैं जो घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्थर बाज़ी करवा रहें हैं

https://veerujan.blogspot.com/ जो गठबंधन कर -नाटक में अभी नाटक ही कर रहा है। राज्य को एक सरकार तक भी मुहैया नहीं करवा सका। उसी का विस्तारित संस्करण २०१९ में सत्ता प्राप्त करने की जुगाड़ भिड़ा रहा है। अभी तो एक राज्य ही शीर्षासन कर रहा है कल को ये पूरे देश को ही शीर्षासन करवा देंगे। इन चरम अव्यवस्था -वादी तत्वों से देश को सावधान रहने की ज़रुरत है। जिनके पास मोदी विरोध के सिवाय कुछ नहीं है। जो कभी हिन्दू मुसलमान अलहदगी पैदा करके कभी जात विभाजन करके देश को तोड़ने का काम करते रहें हैं। पहले इन्होनें सिख फिर जैन और अब लिंगायत सम्प्रदाय को भी कर्नाटक में एक अलग धर्म का दर्ज़ा देने के नाम पर वोट मांगे। नाक कटवाकर अब दो नकटे एक तो दिख रहे हैं लेकिन सरकार का गठन और मंत्रिपद का आवंटन अभी तक भी नहीं कर सके हैं।  ये ही वह अराजकतावादी जेहादी तत्व हैं जो घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्थर   बाज़ी करवा रहें हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आरआरएस के तत्वाधान में इफ्तियार पार्टी देने का विरोध कर रहें हैं। रोटी से ही रोटी का रिश्ता जुड़ता है दावत दिलों को मिलाती है संवाद का  पुल  बनाती  है।इस सेकुलर कुनबे के