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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खाला -जी रोहिंग्या के तीन काम , गाली गोत्र गुंडई सरे आम

खाला -जी रोहिंग्या के तीन काम ,  गाली गोत्र गुंडई सरे आम।  विशेष :इन दिनों यूपी का एक नामचीन डॉन भी वील चेयर पर नज़र आया है क्या यह महज़ इत्तेफाक है ?हार जाओ तो लिख्खो चिठ्ठी सोनिया को। क्या कर लेंगी सोनिया जी बंग की जंग में जबकि वह संयुक्त गठबंधन का स्वयं एक हिस्सा है। अखिलेश केजरीवाल ,लालू का लौंडा क्या कर लेगा बंगाल में। भगवा रथ राहुल प्रियंका से न रुके ,दोनों फरार हैं अभी तक बंगाल से। बेगम बाज़ी अब चाहे चल चेयर पर बैठे खड़ी हों ,खेलें फ़ुटबाल हाथ से या फेक चोटिल पाँव से कौन रोकता है। दें गारी ,कौन टोकता है। बतला गोत्र कर चंडी पाठ पढ़ कलमा दिखा चलित्तर कौन रोकता है।  बान हारे की बान न जाए , कुत्ता मूते टांग उठाय। 

दिल्ली की सीमाओं पर ,और न होबे खेला

 दिल्ली की सीमाओं पर ,और न होबे खेला , उखड़े डेरा टंटा पूरन ,खत्म होये सब मेला।  झेल चुके बर्बादी कितने ,गाँव यहां ,  रोते खोमचे वाले ,अब दिन रात यहां।   चुक जाए धीरज जन मन का , इससे पहले उठ जाए ये रेला। विशेष :एजेंडाई टिकैत गैंग लगातार व्यवस्था को ठेंगा दिखाता रहा है कोई सवा सौ दिन से ,दिल्ली की सीमाओं के आसपास के धंधे उद्योग चौपट हो चुके हैं ,ये लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे  ,यूं ही हराम की रोटी तोड़ते रहेंगे ,तर्क को ताक पे रख चुके हैं दिमाग से पैदल ये लोग इसीलिए बीच सड़कों  पर पक्की रिहाइशें बना रहें हैं ,दादा-लायी सड़कें हैं ये ?इन्हीं का अनुकरण हुआ है नांदेड़ में अन्यत्र पंजाब में उत्तर प्रदेश में जहां ऐसे ही गैंग ने पोलिस को लगातार  निशाना बनाया है। सुओ मोटो संज्ञान लिया जाना चाहिए इनकी हरकतों का पहले ही बहुत देर हो चुकी है।    

नर -भक्षिणी घायल- बाघिन इक ,चल -चेयर पे घूम रही है , घुर -घुर -घुर घुर्राती है ये ,खोल बघनखे झूम रही है।

नर -भक्षिणी घायल-  बाघिन इक ,चल -चेयर पे घूम रही है , घुर -घुर -घुर घुर्राती है ये ,खोल बघनखे झूम रही है। बंगालिन अम्मा को देखो खुद एक बेटी लील रही है।  क्यों हो बाघों का संरक्षण पूछा जाए बाघिन से ये।  कहलाती मुखिया मंत्राणी भगवा रंग को घूर रही है , एक स्वामी को ढूंढ रही है , कहती है कुछ भगवा गुंडे गुटका खाके थूक रहे हैं , नंदी ग्राम में घूम रहे हैं।  देख लेउंगी एक -एक को मैं , खुद भी हूँ मैं नंबर एक।    शोभा मजूमदार की मौत पर अमित शाह ने किया ट्वीट, कहा- 'दीदी' को परेशान करेगा यह जख्म गोपाल मजूमदार की मां की मौत के बाद भाजपा नेता टीएमसी पर हमलावर हो गए हैं. भाजपा का कहना है कि राज्य में कानून व्यस्था खत्म हो गई है.  नई दिल्ली:  पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) के पहले चरण के लिए वोटिंग 27 मार्च को हो चुकी है. इसके करीब एक महीना पहले भाजपा कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार (Gopal Majumdar) के घर पर हुए हमले में बुरी तरह जख्मी हुई उनकी मां शोभा मजूमदार (Shobha Majumdar) का देहांत हो गया है. इस हमले के लिए भाजपा ने टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया था.  गोपाल मजूमदार की मा

सफ़र में हूँ सलीके से ,सैंकड़ों राहों पे मैं , बंजारों को मंज़िल से प्यार नहीं होता

ग़ज़ल -कमांडर निशांत शर्मा 'सुबोध '                       (१ )  सफ़र  में हूँ सलीके से ,सैंकड़ों राहों पे मैं , बंजारों को मंज़िल से प्यार नहीं होता।                      (२ ) रूह भर की तसल्ली से लिखा ख़त हूँ मैं , पते का जिसे सरोकार नहीं होता।                     (३ ) हौसला -ए -हिम्मत बाज़ू में दम रखो , बैठ किनारे दरिया पार नहीं होता।                  (४ ) देखो तो कैसी रौनक है ग़म की मुझ में , कौन कहता है ईद -औ त्यौहार नहीं होता।                  (५ )  नफ़े  नुक्सान की फ़ज़ीहत में फूंक आया हूँ दूकान , अब ज़िंदगी का मुझसे कारोबार नहीं होता।                 (६ )  ग़ैरों ने अपनाया मेरे नुख्स -औ -खामियों को , अपनों से मुझे अब प्यार नहीं होता।               (७ ) तुम क्या आओगे अब मिलने मुझसे , मुझसे तो अब और इंतज़ार नहीं होता।               (८ ) मंदिरों मस्ज़िद में नहीं बसते अब  रामोरहीम, वो कहता तो है पर ऐतबार नहीं होता।              (९ ) मर मिटा सरहद पे फिर कल रात कोई ,  'टुकड़े टुकड़े गैंग'  को फिर भी ऐतबार  नहीं होता।             (१० ) सुबूत -गैंग को चाहिए फिर सुबूत कोई , सरहद पे कोई यूं