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'Quran doesn't discriminate against women.....Indian mosques are a male monopoly from lack of understanding and patriarchy'

'Quran doesn't discriminate against women.....Indian mosques are a male monopoly from lack of understanding and patriarchy' October 31, 2019 'Quran doesn't discriminate against women.....Indian mosques are a male monopoly from lack of understanding and patriarchy' क़ुरान में ५९ मर्तबा पैगम्बर मोहम्मद हाज़रीन सम्बोधन से औरत और मर्द दोनों से एक साथ मुखतिब होते हैं नमाज़ अता करने के लिए वे समुदाय पर बल देते हैं यूं अकेले रहकर भी किसी भी जगा  नमाज़ अता की जा सकती है लेकिन सामूहिक प्रार्थना नमाज़ को सम्पूर्णता की  ओर परफेक्शन की ओर ले जाती है। सामूहिकता का अपना असर होता है। जो नमाज़ की  इबादत, सज़दे की ताकत में इज़ाफ़ा करता  है। अज़ान के स्वर न्योता होतें हैं नमाज़ के लिए। ये बुलावा सबके लिए होता है। 'हदीथ ' में पैगमबर( पैगंम्बर )साहब की हिदायतें हैं।  कहीं भी मर्द को ये हक़ नहीं दिया गया है वह मौतरमाओं को मस्जिद में जाने से रोके। कहीं भी इंस्टेंट तलाक (तीन तलाक )की बात नहीं की गई है। अलबत्ता तीन बार तलाक लेकर शौहर और बीवी अलग ज़रूर हो सकते हैं लेकिन त

Quran doesn't discriminate against women ......Indian mosques are a male monopoly from lack of understanding and patriarchy '

Quran doesn't discriminate against women ......Indian mosques are a male monopoly from lack of understanding and patriarchy ' क़ुरान में ५९ मर्तबा पैगम्बर मोहम्मद हाज़रीन सम्बोधन से औरत और मर्द दोनों से एक साथ मुखतिब होते हैं नमाज़ अता करने के लिए वे समुदाय पर बल देते हैं यूं अकेले रहकर भी किसी भी जगा नमाज़ अता की जा सकती है लेकिन सामूहिक प्रार्थना नमाज़ को सम्पूर्णता की ओर परफेक्शन की ओर ले जाती है। सामूहिकता का अपना असर होता है। जो नमाज़ की इबादत, सज़दे की ताकत में इज़ाफ़ा करता है। अज़ान के स्वर न्योता होतें हैं नमाज़ के लिए। ये बुलावा सबके लिए होता है। 'हदीथ ' में पैगमबर( पैगंम्बर )साहब की हिदायतें हैं। कहीं भी मर्द को ये हक़ नहीं दिया गया है वह मौतरमाओं को मस्जिद में जाने से रोके। कहीं भी इंस्टेंट तलाक (तीन तलाक )की बात नहीं की गई है। अलबत्ता तीन बार तलाक लेकर शौहर और बीवी अलग ज़रूर हो सकते हैं लेकिन तीसरा तलाक फिर मुकम्मिल अलहदगी होती है। हिन्दुस्तान के दिल दिल्ली में ज़मात -ऐ -हिन्द का मुख्यालय है यहां एक साथ आज भी महिलाओं को जुम्मे