सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हाँ हम घंटी बजाते हैं अपने दिव्य स्वरूप ब्रह्मानन्द के सामने ,वही तो हम हैं सच्चिदानंद






हाँ हम घंटी बजाते हैं। अपने दिव्य स्वरूप ब्रह्मानन्द के सामने।वही तो हम हैं सच्चिदानंद। तुम तो लम्बू कब्रिस्तान में जाकर सेमेट्री में जाकर फूल चढ़ाते हो एक परीलोक बुनते हों। शरीर तो नष्ट हो गया पुनर्जन्म तुम मानते नहीं किसे चढ़ाते हो भैयाजी फूल। और अब्राहम की औलादों ये यहूदी ,इस्लाम के अनुयायी तुम्हारे हाफ ब्रदर्स हैं। किस बात पे झगड़ते हों यहां हिन्दुस्तान के आदिवासी क्षेत्र में क्या करते हो हमने तुम्हारी करतूतें नार्थ ईस्ट के चेरापूंजी ,शिलांग आदि में भी देखीं हैं बेटे जी। अमरीका में भी। तुम्हारे यहां अमरीका में तो नर्सिंग होम्स भी सुरक्षित नहीं हैं डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर्स के मरीज़ों को भी तुम्हारे भाई बंद अपनी हविश का शिकार बनाते हैं सबूत मांगोगे मिल जाएगा।


एक प्रतिक्रिया फेसबुक पोस्ट :

https://www.facebook.com/nirmala.neelam.5/videos/1277888945688163/




Nirmala Neelam is with Maya Yadav and 16 others.
10 hrs
मान्यवर लम्बू जी !हम भारत धर्मी समाज हैं सर्व -समावेशी ,सर्व -ग्राही समाज हैं हमारे कोई दुराग्रह नहीं हैं हमारे लिए सभी धर्मग्रन्थ मान्य हैं। हमारा सबसे बड़ा हासिल यह है हम यह जानते हैं हम यह शरीर नहीं हैं। समझा दें आपको जो दिखता है वह भ्रान्ति है केवल देखने वाला द्रष्टा ही सत्य है। हम अपना न हाथ हैं न पैर न आँख यह शरीर  तो विनष्ट प्राय: है.मल -मूत्र का भांडा है लंबूजी। यह तो एक दिन जाएगा ही जाएगा। यह हमारा निज स्वरूप नहीं हैं। जिसका जिस भी चीज़ का मैं या आप या कोई और भी त्याग नहीं कर सकते वही हम हैं ,हम अपनी आत्मा का त्याग नहीं कर सकते। उसी को जब शरीर प्राप्त होता है हम जीव कहलाते हैं तब। 

संविद पात्रा जी की आप क्या बात करते हैं और राष्ट्रीय सेवक संघ  (RSS ),एवं आदिवासी तो हमारी मूल संस्कृति के प्रहरी हैं। पर्यावरण के पहरुवे हैं। हम उन्हें ललचाते नहीं हैं। 
आप की अम्मा यहां इटली से आईं थीं आजकल गोवा में स्ट्रेस रिलीविंग हॉलिडे मना रहीं हैं उन्होंने ने उनके सुपुत्र ने इस देश को तोड़ने के अनेक प्रयास किये हैं ये देश तो नहीं टूटा ये माँ बेटा ज़रूर टूट गए। 

हाँ हम घंटी बजाते हैं। अपने दिव्य स्वरूप ब्रह्मानन्द के सामने।वही तो हम हैं सच्चिदानंद। अहं ब्रह्मास्मि मैं ही ब्रह्म हूँ ये सब कुछ ब्रह्म ही है उसी का स्वरूप है दूसरा कोई अन्य नहीं है। अज्ञान है वह हमारा। ये मन हमारा तिरलोकी है इसके बाहर कुछ भी नहीं है। जिसने ब्रह्म को जान लिया है वह  ब्राह्मण  है किसी जाति विशेष की माँ के गर्भ से पैदा व्यक्ति ब्राह्मण नहीं है। अज्ञान संसिक्त होने पर वही शूद्र है।  तुम तो लम्बू कब्रिस्तान में जाकर सेमेट्री में जाकर फूल चढ़ाते हो एक परीलोक बुनते हों। शरीर तो नष्ट हो गया पुनर्जन्म तुम मानते नहीं किसे चढ़ाते हो भैयाजी फूल।

यही तुम्हारा अज्ञान है और अज्ञानी को क्या कहते हैं -शूद्र कहते हैं राजा मेरे।  

और अब्राहम की औलादों ये यहूदी ,इस्लाम के अनुयायी तुम्हारे हाफ ब्रदर्स हैं। किस बात पे झगड़ते हों यहां हिन्दुस्तान के आदिवासी क्षेत्र में क्या करते हो हमने तुम्हारी करतूतें नार्थ ईस्ट के चेरापूंजी ,शिलांग आदि में  भी देखीं हैं बेटे जी। अमरीका में भी। तुम्हारे यहां अमरीका में तो नर्सिंग होम्स भी  सुरक्षित नहीं हैं डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर्स के मरीज़ों को भी तुम्हारे भाई बंद अपनी हविश का शिकार बनाते हैं सबूत मांगोगे मिल जाएगा। 

http://www.cnn.com/2017/12/28/health/retirement-home-neglect-florida/index.html

Retirement home shut down months after attack on 86-year-old


https://www.youtube.com/watch?v=djR3KMVsGWU

https://www.youtube.com/watch?v=ezHO_b_eFf8

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

किदार शर्मा की यह अनुपम कृति जोगन (१९५०)आज भी उतनी ही सात्विक आंच लिए हुए है गीत -संगीत -पार्श्व- संगीत की ,अभिनय के शीर्ष की। गीतादत्त ,तलत मेहमूद साहब और शमशाद बेगम का स्वर बुलो सी रानी का संगीत अपनी ही परवाज़ लिए हुए था

लड़कियां कितने सपने देखतीं हैं ?हाँ !बेहद के !अपने ही  तैं नहीं अपनी गुड़ियाँ के लिए भी उनके मन में एक विलक्षण  राजकुमार की कामना होती है। चाव से ब्याह रचातीं हैं  अपनी गुड़िया का कोई समझौता नहीं कोई खुरसट उनकी राजकुमारी सी गुड़िया को यूं ब्याह कर ले जाए। और वह बस निर्मूक देखती रहें।  यहां तो साक्षात लंगूर ही था -बूढ़ा खुरसट जिसके साथ सुरभि का सौदा हो रहा था और कोई और नहीं स्वयं उसका सगा भाई बड़े जागीरदार का बेटा ही कर रहा था ये लेनदेन । अपनी शराब की लत और ऐयाशी की खातिर। क़र्ज़ में आकंठ डूबे जागीरदार अपनी लाड़ली बेटी की कोई मदद नहीं कर पा रहे थे। इन्हीं हालातों में सुरभि - वो जिसका मन बादलों के रंग मौसम की रंगीनी देखता था सावन के गीत लिखता था श्रृंगार को संवारता था हर दिन एक नै कविता लिखता था वह स्वयं बिरहा गीत बनने से पहले बैरागिन ही बन गई। जोगिन बन  गई।यह योग और साधना  का मार्ग था। पीछे मुड़कर देखने का वक्त नहीं था।  मीराबाई हो गई सुरभि ज़माने के लिए। अपना नाम -रूप  खोके। प्रारब्ध भी अजीब खेल दिखाता है। अनाथ और नास्तिक विजय भी यहीं इस गाँव में चला आया है ...

शख्सियत :रश्मि ताई

शख्सियत :रश्मि ताई जो कभी सहपाठी थे अब हमसफ़र हैं 'हमराही' हैं। जी हाँ आप ठीक समझे हैं। हम बात कर रहें हैं 'वाहिनी साहब' रश्मि ताई ,अब रश्मि ठाकरे की। हर कामयाब मर्द के पीछे एक औरत होती है यह विश्वास तब और भी घना -गाढ़ा हो जाता है जब  सौम्यता  और शालीनता की नायाब मिसाल रश्मि ताई से मुखातिब होते हैं। एक आम मध्य वर्गीय परिवार से आईं हैं आप। आपके व्यक्तित्व पे मातुश्री (रश्मि ताई की  माता श्री मती मीणा ताई  )की गहरी छाप है। आप रंगभूमि में ही रहती हैं मेकअप मैन  की तरह. आपने उद्धव जी को सजाया संवारा है। पहले जे. जे. स्कूल आफ आर्ट्स में सहपाठी और अब जीवन संगनी बनकर उनकी अनाम राजनीतिक गुरु और सलाकार रहीं हैं आप। आगे भी ये सफर यूं ही नए क्षितिज नापेगा। आप ने ही हिन्दू हृदय सम्राट बाला केशव  प्रबोधनकर ठाकरे से उनका राजनीतिक वारिस उद्धव जी को बनाये जाने का वचन उनके जीते जी ले लिया था। आप एक अन्नपूर्णा साबित हुई हैं मातोश्री के लिए जो बाला साहब के बीमार होने पर उनकी कुशल पूछने आते सभी आम अउ ख़ास सैनिकों को  अल्पाहार क्या चाव से भरपेट भोजन आ...

तालिबान की सरकार आते ही बदलेगा अफगानिस्तान का नाम, नये नाम से डरी दुनिया, ब्रिटेन ने दी थी चुनौती

  काबुल, अगस्त 16: काबुल पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान ने अफगानिस्तान का नाम बदलने का फैसला किया है। तालिबान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान का नया नाम रखा जाएगा, जिसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा राष्ट्रपति भवन से की जाएगी। तालिबान की तरफ से कहा गया है कि अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, ये जल्द तय किया जाएगा और फिर अफगानिस्तान के नये नाम का ऐलान किया जाएगा। बदल गया अफगानिस्तान का नाम! तालिबान के एक अधिकारी ने कहा है कि तालिबान के नेताओं ने फैसला किया है कि हुकूमत पर काबिज होने के बाद अफगानिस्तान का नाम बदल दिया जाएगा और नया नाम रखा जाएगा। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान का नया नाम 'इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान' होगा। न्यूज एजेंसी एसोसिएट प्रेस से बात करते हुए तालिबान के एक नेता ने कहा कि प्रेसिडेंशियल पैलेस में जब सभी तालिबान के नेता आ जाएंगे तब 'इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान' का ऐलान किया जाएगा। हालांकि, तालिबान के उस नेता ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया। लेकिन, राष्ट्रपति भवन में मौजूद उस तालिबानी नेता ने कहा कि वो मीडिया से बात करने के ...