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Ishvar is the reflection of Brahm in Maya just as Jeeva is the reflection of Soul

Ishvar is the reflection of Brahm in Maya just as Jeeva is the reflection of Soul .When we look at the mirror we see two things ,the mirror and the reflected image in the mirror .The image implies there is a real something which is you and or your real self .You are only the reflected consciousness ,namely the Jeeva,which implies there is a witness consciousness also that is the Soul the real you .Which does not under go a change from one to another birth .
Your body is born it grows ,matures ,decay and then parishes but not the real you which migrates from one to another body till you discover your real self , your real nature as pure energy ,the Soul .
Something like your body or anything which is visible to you or which can be sensed by your organs of knowledge(sense organs )is only Maya ,which undergoes a change .What changes with time and is not permanent is Maya .Pl read /listen to this discource on an Ashtpadi From Sukhmani Sahab which elaborates all these in a very lucid way in Hindi .

शीर्षक :माया में प्रतिबिंबित ब्रह्म ही ईश्वर है जैसे दर्पण में दिखता आपका प्रतिबिम्ब आपका जीव है आप का निज स्वरूप आत्मिक है। आप अनश्वर आत्मा हैं। 

सन्दर्भ -सामिग्री :https://www.youtube.com/watch?v=DiJbD8uJMD0

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