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Watch | The Sangh's Distortions and the Truth About Sabarimala



The politics over women’s entry into the Sabarimala temple is getting murkier by the day. In this episode of Media Bol, Urmilesh discusses the issue of women entering the Sabarimala temple in the wake of the Supreme Court verdict with journalist N. Jigish, lawyer Bhakti Pasrija Sethi and Left activist Kavita Krishnan.

https://thewire.in/video/watch-the-misleading-sangh-and-the-truth-about-sabarimala

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शख्सियत :रश्मि ताई जो कभी सहपाठी थे अब हमसफ़र हैं 'हमराही' हैं। जी हाँ आप ठीक समझे हैं। हम बात कर रहें हैं 'वाहिनी साहब' रश्मि ताई ,अब रश्मि ठाकरे की। हर कामयाब मर्द के पीछे एक औरत होती है यह विश्वास तब और भी घना -गाढ़ा हो जाता है जब  सौम्यता  और शालीनता की नायाब मिसाल रश्मि ताई से मुखातिब होते हैं। एक आम मध्य वर्गीय परिवार से आईं हैं आप। आपके व्यक्तित्व पे मातुश्री (रश्मि ताई की  माता श्री मती मीणा ताई  )की गहरी छाप है। आप रंगभूमि में ही रहती हैं मेकअप मैन  की तरह. आपने उद्धव जी को सजाया संवारा है। पहले जे. जे. स्कूल आफ आर्ट्स में सहपाठी और अब जीवन संगनी बनकर उनकी अनाम राजनीतिक गुरु और सलाकार रहीं हैं आप। आगे भी ये सफर यूं ही नए क्षितिज नापेगा। आप ने ही हिन्दू हृदय सम्राट बाला केशव  प्रबोधनकर ठाकरे से उनका राजनीतिक वारिस उद्धव जी को बनाये जाने का वचन उनके जीते जी ले लिया था। आप एक अन्नपूर्णा साबित हुई हैं मातोश्री के लिए जो बाला साहब के बीमार होने पर उनकी कुशल पूछने आते सभी आम अउ ख़ास सैनिकों को  अल्पाहार क्या चाव से भरपेट भोजन आ...

किदार शर्मा की यह अनुपम कृति जोगन (१९५०)आज भी उतनी ही सात्विक आंच लिए हुए है गीत -संगीत -पार्श्व- संगीत की ,अभिनय के शीर्ष की। गीतादत्त ,तलत मेहमूद साहब और शमशाद बेगम का स्वर बुलो सी रानी का संगीत अपनी ही परवाज़ लिए हुए था

लड़कियां कितने सपने देखतीं हैं ?हाँ !बेहद के !अपने ही  तैं नहीं अपनी गुड़ियाँ के लिए भी उनके मन में एक विलक्षण  राजकुमार की कामना होती है। चाव से ब्याह रचातीं हैं  अपनी गुड़िया का कोई समझौता नहीं कोई खुरसट उनकी राजकुमारी सी गुड़िया को यूं ब्याह कर ले जाए। और वह बस निर्मूक देखती रहें।  यहां तो साक्षात लंगूर ही था -बूढ़ा खुरसट जिसके साथ सुरभि का सौदा हो रहा था और कोई और नहीं स्वयं उसका सगा भाई बड़े जागीरदार का बेटा ही कर रहा था ये लेनदेन । अपनी शराब की लत और ऐयाशी की खातिर। क़र्ज़ में आकंठ डूबे जागीरदार अपनी लाड़ली बेटी की कोई मदद नहीं कर पा रहे थे। इन्हीं हालातों में सुरभि - वो जिसका मन बादलों के रंग मौसम की रंगीनी देखता था सावन के गीत लिखता था श्रृंगार को संवारता था हर दिन एक नै कविता लिखता था वह स्वयं बिरहा गीत बनने से पहले बैरागिन ही बन गई। जोगिन बन  गई।यह योग और साधना  का मार्ग था। पीछे मुड़कर देखने का वक्त नहीं था।  मीराबाई हो गई सुरभि ज़माने के लिए। अपना नाम -रूप  खोके। प्रारब्ध भी अजीब खेल दिखाता है। अनाथ और नास्तिक विजय भी यहीं इस गाँव में चला आया है ...

और हाँ !अमरीकी अपने इतिहास को बेहद प्यार करते हैं। आप हेनरी फोर्ड विलीज जाइयेगा -वही कोयला चालित रेलगाड़ी गार्ड कंडक्टर की वही पोशाकें आप को मिल जाएंगी। हमारे यहां भारत का इतिहास लिखा जाना अभी बकाया है इतिहास के नाम पर मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम भकुवों से जो निर्देशित इतिहास लिखवाया गया वह मुगलिया इतिहास है जहां अकबर महान हैं। अशोक को ये खिताब हासिल नहीं हैं महाराणा प्रताप का कोई ज़िक्र ही नहीं है। वीरदामोदर सावरकर को ये भकुवे आज भी भारत जोड़ो यात्रा की आड़ में गाली दे रहें हैं।

और हाँ !अमरीकी अपने इतिहास को बेहद प्यार करते हैं। आप हेनरी फोर्ड विलीज जाइयेगा -वही कोयला चालित रेलगाड़ी गार्ड कंडक्टर की वही पोशाकें आप को मिल जाएंगी। हमारे यहां भारत का इतिहास लिखा जाना अभी बकाया है इतिहास के नाम पर मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम भकुवों से जो निर्देशित इतिहास लिखवाया गया वह मुगलिया इतिहास है जहां अकबर महान हैं। अशोक को ये खिताब हासिल नहीं हैं महाराणा प्रताप का कोई ज़िक्र ही  नहीं है। वीरदामोदर सावरकर को ये भकुवे आज भी भारत जोड़ो यात्रा की आड़ में गाली दे रहें हैं।  अमरीकी परिवारों में एक ही परिवार में काले गोरे   किस्म -किस्म  के बच्चे पाए जाते हैं। ये आपस में हाल्फ ब्रदर्स /सिस्टर्स/सिब्लिंग्स कहलाते हैं क्योंकि या तो इनका पिता एक ही होता है और माताएं भिन्न या फिर माताएं एक और पिता भिन्न -भिन्न होते हैं। यहां विवाह गठबंधन पाणिग्रहण  संस्कार नहीं है एक अनुबंध है लिविंग टुगेदर है। जब तक चाहा परस्पर भोगा फिर शाइस्तगी से स्वेच्छया अलग हो गए कोई झगड़ा फसाद तलाक का लफड़ा नहीं।  मियाँ -बीबी राजी तो क्या करेगा क़ाज़ी। यहां वो बायोकेमिस्ट्री की  ...