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शिवे के उद्गारों से प्रसूत शिवे को समर्पित भावसरणी

शिवे के उद्गारों से प्रसूत शिवे को समर्पित भावसरणी  -वीरुभाई !

याद में उसकी कर सब काम आवेंगे तेरे घनश्याम। 

हाँ !एक दिना आवेंगे री तेरे श्याम !

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सुनो शिवे ब्रजबाम -तुम्हारे होंगे पूर्ण काम 

उसी का नाम जपो सुबोशाम ,मोरे श्याम  !रे  मोरे श्याम। 

मिलो-द्रुत गति से राधे श्याम। 

सुनो बृजमोहन हे घनश्याम ,शिवे जपती नित तेरो नाम। 

लख लख हैं  तुम्हे प्रणाम ,श्वास से निकले यही प्रणाम। 




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